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एमबी डीएवी विद्यालय, लोहरदगा में स्वामी दयानंद सरस्वती जी का जयंती मनाया गया

 


लोहरदगा: एमबी डीएवी विद्यालय, लोहरदगा में  प्राचार्य श्री जी पी झा के नेतृत्व व निर्देशन में महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती के अवसर पर धर्म शिक्षक जे मेहेर, सीसीए प्रभारी शिक्षक शितेश कुमार पाठक व आरती कुमारी के द्वारा विद्यालय परिसर में हवन  के साथ-साथ विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया और कहा कि एक महान योगी, मुनि, महर्षि, क्रान्तिकारी, समाज सुधारक, दार्शनिक और राष्ट्रवादी जन नेता स्वामी दयानंद सरस्वती जी से समस्त भारतवर्ष परिचित है। महर्षि दयानंद सरस्वती ने समाज को एक नई दिशा, विचार तथा वैदिक ज्ञान के महत्व को समझाया। इन्होंने कर्म और कर्मों के फल को ही जीवन का मूल सिद्धांत बताया। इन्होंने भारतवासियों को स्वराज्य का संदेश दिया। विद्यार्थियों को महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती के परम पुनीत, आदर्शवादी व सार्थक जीवन से परिचित करवाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शिक्षिका ज्योति पांडे द्वारा मंच संचालन किया गया। संगीत शिक्षक श्रवण कुमार पाठक व छात्राओं ने मनोरम भजन प्रस्तुत किया। कक्षा सातवीं की छात्रा रानी साहू व शिक्षक जे मेहेर के द्वारा महर्षि जी के जीवन पर आधारित प्रभावी भाषण प्रस्तुत किया गया। आरती कुमारी वह शितेश कुमार पाठक के द्वारा महर्षि जी के वैचारिक भाव व  जीवनचरित जिसमें उनके जन्म से लेकर मृत्यु तक की जीवन यात्रा को नाटक रूप में दिखाया गया। नाटक में सिद्धार्थ, वैभव, गौरव, शैली, दक्ष, सत्यम, आदित्य, अदिती केसरी, अदिती चंद्रा, अनुपम, उत्कर्ष, अर्श, प्रिंस व सौरव ने अभिनय किया। सोनम कुमारी ने मनोरम नृत्य प्रस्तुत किया। मौके पर माननीय प्राचार्य महोदय ने कार्यक्रम में भागीदारी करने वाले सभी विद्यार्थियों के अभिनय, नृत्य व गीत की प्रशंसा करते हुए सभी विद्यार्थियों को महर्षि स्वामी दयानंद जी के जीवन आदर्शो को प्रकाश पुंज मानकर उस पर चलने हेतु प्रेरित किया। अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम के सफल संचालन में कैलाश प्रसाद, परमित कुमार, रुचिर मृगेंद्र, पूनम सिंह व सभी शिक्षक शिक्षिकाओं का सहयोग रहा। इसके अतिरिक्त विद्यालय परिसर में भारतीय रेलवे मंत्रालय द्वारा विद्यालय स्तर पर 'विकसित भारत, विकसित रेलवे' शीर्षक पर आधारित चित्रांकन व निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी शिक्षक शितेश कुमार पाठक द्वारा करवाया गया। जिसमें लगभग 35 से 40 बच्चों ने भाग लिया।

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