लोहरदगा : झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची के कैलेंडर के अनुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार लोहरदगा द्वारा पैरा लीगल वॉलिंटियर्स एवं एलएडीसीएस के अधिवक्ताओं को डालसा कॉन्फ्रेंस हॉल में 1 जुलाई 2024 से लागू किये जा रहे भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के विभिन्न प्रावधानों की चर्चा कर मौजूद प्रतिभागियों को नए कानून से अवगत कराया गया । कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डालसा श्री राजेंद्र बहादुर पाल सपत्नीक, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय श्री सुभाष, जिला जज अरविंद कुमार एवं अन्य न्यायिक अधिकारियों ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित कर किया । नए कानून की जानकारी को लेकर उत्सुकता इस कदर थी कि न्यायिक अधिकारियों के परिवार भी इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए ।प्राधिकार के सचिव राजेश कुमार ने यह बतलाया कि कानून की जानकारी नहीं होना कभी भी अपराध की सजा को कम नहीं करता है । भारतीय न्याय संहिता जो भारतीय दंड संहिता का स्थान लेगी उसमें कुल 358 धाराएं रखी गई हैं, जबकि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जो सीआरपीसी का स्थान लेगी उसमें 531 धाराएं हैं । जबकि भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुल 170 धाराएं हैं । नए कानून में पुराने पुराने प्रावधानों को रखते हुए फॉरेंसिक जांच एवं अरेस्ट इत्यादि को लेकर नए प्रावधानों को जोड़ा गया है । इसी प्रकार 144, 145 द.प्र.स. के मुकदमे जो एसडीओ कोर्ट में चलते हैं उसकी नई धाराएं 163 व 164 होगी । इसी प्रकार मृत्यु दंड के प्रचलित धारा 302 अब नए कानून में धारा 103 के रूप में जानी जाएगी । 307 जो हत्या के प्रयास से संबंधित है को नए कानून में 109 धारा के रूप में जाना जाएगा । 498 ए की धारा जो महिला उत्पीड़न से संबंधित है कि नई धारा 85 होगी । जबकि 376 जो बलात्कार से संबंधित धारा है कि नई धारा 64 होगी । दहेज मृत्यु की धारा जो पूर्व में 304 बी होती थी की नई धारा 80 के रूप में जानी जाएगी । प्रशिक्षणार्थियों को क्रिमिनल केस के अनुसंधान, ट्रायल और किस तरह केस जजमेंट तक पहुंचता है इसकी जानकारी दी गई, जिसे मुख्य रूप से अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी राज कल्याण ने लोगों को बताया । इसी प्रकार सिविल वादों में किस प्रकार दीवानी अदालतें काम करती हैं। इसकी जानकारी वरीय सिविल जज अर्चना कुमारी ने दिया। पीएलवीयों ने उनके द्वारा किए गए किया जा रहे कार्यों का भी उल्लेख किया। सत्र को संबोधित करते हुए पीडीजे सह डालसा अध्यक्ष श्री राजेंद्र बहादुर पाल ने कहा कि पीएलवी के मेहनत के कारण ही विधिक सेवा प्राधिकार के कार्य संपादित हो पाते हैं । उनके द्वारा बहुत कार्य किये जा रहे हैं । उनके वेतनमान इत्यादि के बढ़ोतरी की बात झालसा एवं नालसा के संज्ञान में है जिसका जल्द ही कुछ उपाय निकाला जाएगा । लोहरदगा जिले में कार्यरत पीएलबी ने संयुक्त रूप से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डालसा श्री राजेंद्र बहादुर पाल एवं उनकी पत्नी श्रीमती पूनम पाल को ऑयल पेंटिंग से बनी उनकी तस्वीर प्रदान किया । शैक्षणिक कार्यक्रम समापन के पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम क्या आयोजन हुए सारे न्यायिक अधिकारियों, उनके परिवारों एवं पीएलबी ने होली मिलन समारोह में हिस्सा लिया। सभी ने एक दूसरे को गुलाल लगाए एवं होली की शुभकामनाएं दी ।
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