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सत्य एवं अहिंसा के प्रवर्तक थे महावीर स्वामी- गणेश प्रसाद

 

लोहरदगा: सुंदरी देवी सरस्वती शिशु मंदिर लोहरदगा में भगवान महावीर स्वामी जी की जयंती मनाई गई । महावीर स्वामी जी के चित्र पर पुष्पार्चन एवं माल्यार्पण करने के बाद सभा का सभापतित्व करते हुए गणेश प्रसाद ने कहा कि भगवान महावीर सत्य एवं अहिंसा के प्रवर्तक थे। प्राणियों के प्रति दया भाव रखना श्रेष्ठ धर्म कहलाता है। सभी जीवों से प्रेम की भावना रखनी चाहिए। बारह वर्ष के तपस्या के पश्चात उन्हें ज्ञान मिला। मन वचन एवं कर्म से सत्य एवं अहिंसा के नियमों का पालन करते हुए सभी जीवो की रक्षा करनी चाहिए ।चोरी नहीं करना, ब्रह्मचर्य एवं अपरिग्रह के नियम का पालन करना अनिवार्य है। इस अवसर पर उमंग राज सिंगल द्वारा धर्म के प्रवर्तक महावीर स्वामी के जीवन पर भाषण प्रस्तुत किया गया ।बहन माही कुमारी बहन अनन्या कुमारी के द्वारा महावीर जी की जीवनी पर छोटी कहानियां प्रस्तुत की गई ।श्री त्रिलोचन साहू जी ने के द्वारा महावीर जी की जयंती पर आधारित सत्य एवं अहिंसा पर आधारित कविताएं सुनाई गई। अशोक कुमार सिंह के द्वारा स्वामी जी की जीवन पर आधारित प्रेरक प्रसंग सुनाया गया। आचार्य रवि रंजन उपाध्याय द्वारा सत्य अहिंसा एवं दया की भावना के महत्व पर प्रकाश डाला गया । इस अवसर पर स्वामी जी के जीवनी पर प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। मौके पर जगदीश पांडे, अशोक साहू, सुनीता, मीनाक्षी, दिव्या, दीपिका, पूजा बहन समेत समस्त आचार्य बंधु भगिनी एवं भैया बहन उपस्थित थे।

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