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बाबा साहब का दिया हुआ विचार, उनकी लिखी हुईं किताबें अनमोल विरासत है: उपायुक्त लोहरदगा

 

लोहरदगा : अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ी जाति पदाधिकारी/कर्मचारी संघ एवं अम्बेडकर विचार परिषद लोहरदगा द्वारा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती मनायी। परिषद द्वारा यह कार्यक्रम समाहरणालय के समीप आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण का कार्य उपायुक्त डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण, पुलिस अधीक्षक हारिस बिन जमा, अपर समाहर्ता जितेंद्र मुंडा, एसडीओ अमित कुमार व परिषद के लोगों द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपायुक्त ने कहा कि बाबा साहब का दिया हुआ विचार, उनकी लिखी हुईं किताबें अनमोल विरासत हैं। बचपन में ही बाबा साहब का नाम सुना और उनके किये गए कार्यों को जाना, उनका कार्य बहुत महान था। उनके विचारों ने भारत देश के कई लोगों के मन को छुआ है। महाराष्ट्र के दादर में बाबा साहब का घर है जो जिसका ग्राउंड फ्लोर लोगों के लिए खुला है जिसमें उनकी प्रदर्शनी है। प्रदर्शनी में वे चीजें शामिल हैं जिन वस्तुओं का इस्तेमाल वे किया करते थे। उनकी लाइब्रेरी में हजारों किताबें हैं जिनका वे अध्ययन करते थे। बहुत कम समय में उन्होंने काफी कुछ अध्ययन कर लिया था और विद्वता हासिल की थी। बच्चों को उनसे सीख लेनी चाहिए कि शिक्षित बनिए, संगठित रहिए और संघर्ष करिए। अपने आसपास की समस्याओं को समझिए और उनको दूर करना ही शिक्षा का सही अर्थ है। जो गरीब तबके से आते हैं उनके लिए शिक्षा ही सबसे बड़ी उपलब्धि है। मेरी सलाह बच्चों को है कि अपनी उम्र के शुरुआती 25-30 वर्ष शिक्षा को छोड़ किसी भी अन्य चीज के लिए नहीं देना चाहिए। क्योंकि अन्य चीजों के लिए बाद में भी मौके मिलेंगे। लोग आपको सुनें इसलिए आपको पढ़ना होगा। संगठन में किसी भी चीज को सुलझाने में मदद मिलती है। संघर्ष के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। उस जमाने बाबा साहब ने लंदन में जा कर पढ़ाई की जो बहुत बड़ी बात थी। कई शिक्षण संस्थानों की स्थापना की। संविधान की उन्होंने ड्राफ्टिंग की और उसी संविधान का हम आज भी पालन करते हैं। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक, लोहरदगा ने कहा कि इतना सुंदर संविधान उन्होंने तैयार कर दिया है कि देश उनका हमेशा आभारी है। देश के लिए कुछ करने के लिए अगर आपने कुछ करने की सोच रखी है और मेहनत कर उससे हासिल करना चाहते हैं तो बाबा साहब के जीवन से आप यह सीख सकते हैं। मौके पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ी जाति पदाधिकारी/कर्मचारी संघ एवं अम्बेडकर विचार परिषद लोहरदगा से जुड़े पदाधिकारी, कर्मीगण व बच्चे उपस्थित थे।

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