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दूध रूपी बालक का निर्माण माखन रूपी घी के रूप में आचार्य द्वारा किया जाता है: मनोज दास

 

लोहरदगा : सुंदरी देवी सरस्वती शिशु मंदिर लोहरदगा में त्रिदिवसीय आचार्य कार्यशाला का समापन हुआ।  उद्घाटन सत्र शीला अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर लोहरदगा में सामूहिक रूप से आयोजित किया गया जिसमें तीनों विद्यालय के आचार्य बंधु भगिनी उपस्थित थे। उद्घाटन सत्र में प्रांत संघचालक श्री सच्चिदानंदलाल अग्रवाल एवं विद्यालय के प्रबंधकारिणी समिति के उपाध्यक्ष विनोद राय जी का आगमन हुआ। सच्चिदानंद लाल अग्रवाल ने कहा संविधान के प्रति हमें कर्तव्य का भाव रखना है हमें कर्तव्य परायण बालकों का निर्माण करना है. यातायात के नियमों का पालन, जल एवं विद्युत संरक्षण, स्वदेशी का भाव, स्वभाव भाषा का भाव, मातृभाषा का भाव जागृत करना है. गुरु के प्रति समर्पण भाव जागृत करना है बच्चों के प्रति आत्मीयता का भाव रखना है. समय निकालकर बच्चों से विचार का आदान प्रदान करना है बच्चे तनाव में ना हो अवसाद में ना हो इस पर ध्यान देना है. हमें पर्यावरण का भाव, समाज एवं राष्ट्रभाषा जगाना है लोकतंत्र के महापर्व में हमारे सक्रिय भागीदारी हो। विनोद राय द्वारा गुरु पूर्णिमा, गुरु दक्षिणा विषय पर प्रकाश डाला गया. उन्होंने कहा कि प्रति पूर्ण विश्वास एवं समर्पण की भावना होनी चाहिए. गुरु और शिष्य परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है गुरु एक ऐसी शक्ति है जो पत्थर को भी पारस बना देता है. गुरु के प्रति अपनी भक्ति समर्पण की भावना ही गुरु पूर्णिमा का अहम भूमिका है। द्वितीय सत्र में गुमला विभाग के संघ चालक मनोज दास का आगमन हुआ। मनोज दास द्वारा सेवा प्रकल्प पर विस्तृत से चर्चा की गई। उन्होंने बताया महर्षि वेदव्यास ने कहा है परोपकार से कोई पुण्य नहीं और दूसरों को कष्ट पहुंचाने वाले से बड़ा पापी कोई नहीं है। देश में कभी भी आपदा आई तो स्वयंसेवक सबसे पहले खड़ा हुआ है.बच्चों के अंतर्गत सेवा का भाव जागृत करना ही विद्या भारती के आचार्य का आदर्श कार्य है। हम प्रकृति की पूजन, रक्षण एवं संवर्धन करते हैं हम पीपल, बरगद एवं आंवला का पूजन करते हैं सेवा एवं त्याग का नाम ही जीवन है। समापन सत्र का आयोजन शील अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर में सामूहिक रूप से किया गया इस समापन सत्र में अतिथि के रूप में विद्यालय के प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शशिधर लाल अग्रवाल एवं सचिव अजय प्रसाद जी का आगमन हुआ। आचार्य कार्यशाला के तीनों दोनों का संपूर्ण वृत का कथन क्रमशः शिशु मंदिर की ओर से  महेंद्र मिश्रा द्वारा, विद्या मंदिर की ओर से श्रीमती मधुमिता शर्मा द्वारा एवं महाविद्यालय की ओर से श्रीमती रेणु कुमारी की ओर से प्रस्तुत किया गया। इस सत्र में अध्यक्ष श्री शशिधर लाल अग्रवाल जी का आशीर्वचन आचार्य बंधु भगिनी को प्राप्त हुआ तथा धन्यवाद ज्ञापन सुंदरी देवी सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य श्री सुरेश चंद्र पांडे द्वारा किया गया। मौके पर सामूहिक रूप से तीनों विद्यालय के आचार्य बंधु भगिनी उपस्थित रहे।

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