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बरही गांव में निकाली गई सरहुल शोभा यात्रा, मांदर की थाप पर जमकर थिरके बरहीवासी

 

लोहरदगा-सेन्हा:  प्रखंड अंतर्गत बरही गांव में प्रकृति पर्व सरहुल मनाया गया। सरना आदिवासी समाज के लोग आयोजित सरहुल शोभायात्रा में शामिल हुए। इससे पूर्व गांव के पाहन अखरा में विधि-विधान पूर्वक आदिदेव धर्मेश एवं मां सरना की पूजा अनुष्ठान किए। सुख समृद्धि के लिए मुर्गे की बलि देने की परंपरा निभाई गई। ग्राम देवता के लिए रंगुवा मुर्गा अर्पित किया गया। पाहन देवता से बुरे आत्मा को गांव से दूर करने की कामना भी किए। पूजा के दौरान पाहन घड़े का पानी देख वार्षिक भविष्यवाणी की,जिस पर यह बताया गया कि वर्षा सामान्य होगा। इससे पूर्व प्रकृति पूजक उपवास में रहकर जल रखाई की रस्म निभाई। केंद्रीय कमेटी सरना झोपा बरही चटकपुर के बैनर तले आयोजित सरहुल पूजा सह शोभायात्रा में ग्रामीण जन ढोल नगाड़े मांदर की थाप पर जमकर झूमे। बरही पाहन टोली बड़ा अखाड़ा से निकलकर चटकपुर बईर अखड़ा, होते हुए बरही गम्हार टोली अखड़ा अंतिम तक अखड़ा पहुंचकर शोभा यात्रा संपन्न हुआ। शोभायात्रा के दौरान अखड़ा के समीप चना, गुड़, शरबत, पानी पिलाया गया। मौके पर महतो लोहरा उरांव, पाहन सहरू उरांव, पुजार गोपी उरांव, भंडारी नकुल महली, सेरेंगहातु तोड़ार पंचायत के पूर्व मुखिया सुखदेव उरांव, अमर भगत, बिनीता उरांव, जयप्रकाश भगत, देवाशीष उरांव, राजू उरांव, बासु उरांव, सुनील उरांव, कृपाल उरांव, सुरेश उरांव, गंदूरा उरांव, रामचंद्र उरांव, दशरथ भगत, पतरस उरांव, जगदेव उरांव, शिला उरांव, सुजीत उरांव सहित अन्य लोग उपस्थित थे.

         

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