लोहरदगा: लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी चमरा लिंडा को प्रचंड मतों से विजय दिलाने को लेकर कुरैश कांफ्रेंस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी मोहम्मद अफसर कुरैशी के नेतृत्व में सोमवार को तूफानी जनसंपर्क अभियान चलाया गया। उनके टीम में मुख्य रूप से सफदर आलम, मोहिबुल्लाह अंसारी, नेहाल कुरैशी, जफर इमाम, आफताब आलम, हसीन अख्तर आदि शामिल हैं। टीम के जरिए लोहरदगा, मांडर, सिसई विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में बैठकें और जनसंपर्क किया गया गया। कांग्रस और भाजपा से त्रस्त बड़ी संख्या में मुस्लिम और आदिवासी समाज, खासकर युवा वर्ग तेजी से लामबंद होने लगे हैं। जनसंपर्क और बैठकों में संबोधित करते हुए हाजी मोहम्मद अफसर कुरैशी ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टियां अल्पसंख्यकों, मुस्लिम व आदिवासी समाज को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती रही है। मुस्लिम व आदिवासियों के सामाजिक, आर्थिक उन्नति के लिए नहीं सोची। सिर्फ वे वोट लेकर अपनी विकास करते रहे हैं। लेकिन अब वक्त आ गया है कि आदिवासी और मुस्लिम समाज अपने चहुमूखी विकास को ध्यान में रखते हुए लोहरदगा लोकसभा सीट से आदिवासी और मुस्लिम समाज एकजुट होकर निर्दलीय प्रत्याशी चमरा लिंडा जी को बल्लेबाज छाप पर बटन दबा कर भारी मतों से जीता कर संसद में भेजें। उन्होंने कहा कि प्रत्याशियों को सांसद बनाते हैं लेकिन यही लोग सांसद बनने के बाद सबसे अधिक शोषण मुसलमान और आदिवासियों का करते हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम और आदिवासी समाज के लोग शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन उनकी समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है। मुस्लिम समाज के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है लेकिन इस समाज से लोहरदगा में आईएएस, आईपीएस और बड़े-बड़े अधिकारी नहीं बन रहे हैं, इसका एकमात्र कारण यह है कि नेताओं ने मुस्लिम समाज के बच्चों को बेहतर शिक्षा से वंचित रखने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा की सरकारों ने सबसे ज्यादा मुस्लिम और आदिवासियों का शोषण करने का काम किया है। लेकिन अब वक्त आ गया है कि अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए अपने वोट से इन दोनों पार्टियों को चोट दें। और चमरा लिंडा जी को जीताकर संसद भेजने का काम करें। हाजी अफसर कुरैशी ने कहा कि चमरा लिंडा आदिवासी समाज के जमीन से जुड़े नेता हैं। लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र की 90 प्रतिशत आदिवासी आबादी चमरा लिंडा को वोट देने जा रही है, इसलिए इस बार मुस्लिम समाज अगर साथ दिया तो चमरा लिंडा को जीतने से कोई नहीं रोक सकता।
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